शहरी जीवन

आज हम इसी के बारे में बात करते हैं । आधुनिक समय में हमारी विज्ञान ने बहुत चमत्कार किए है, जीवन को सरल बनाने के लिए। अगर कोई  मेरे से पूछे कि आपको कहां रहना है ,तो मेरी इच्छा भी शहर में रहने की होगी ॥ परंतु क्या आप जानते हैं कि शहर का रहन सहन कैसा होगा और कितना महंगा होगा और वह क्या-क्या परेशानियों का सामना करना होगा॥ किसी को नहीं पता ॥

लोग शहरी जीवन को क्यों अपनाना चाहते हैं?

शहर के लोगो  का रहन-सहन गांव के लोगों से बहुत अलग होता है। लोग छोटे से घर में रहते हैं, ना आंगन होता है ना छत होती है। शहरों के लोगों का जीवन बहुत व्यस्त रहता है। वह लोग हमेशा भागे भागे रहते हैं। शहर के लोगों के पास एक दूसरे से बात करने तक का भी समय नहीं होता है। लोग यह तक नहीं जानते कि उनके बगल वाले घर में कौन रह रहा है। शहरों में बहुत भीड़ और शोर-शराबा होता है। शहरी लोगों के पास अपने दोस्तों   तथा रिश्तेदारों से मिलने का भी समय नहीं होता है। शहरी लोग हमेशा बहुत परेशान रहते हैं। अगर शहर में सुख सुविधाएं ना हो तो शायद गाव छोड़कर शहर ना जाए या हम यह कह सकते हैं कि अगर गांव में सारी सुविधाएं  तो लोगो को शहर जाने की जरूरत ना रहे॥ 

हमारे देश में आजादी के बाद आधी से ज्यादा जनसंख्या गांव में रहती थी। लेकिन गांव में पैसा  कमाने के साधन इतने नहीं होते थे कि उससे अपने परिवार का पेट भर सके। इसी कारण गांव से हर घर के एक व्यक्ति को शहर आना ही पड़ता था पैसा कमाने के लिए। लोग अपने परिवारों से दूर रहने को मजबूर हुआ करते थे। एक वर्ष तक अपने बच्चों से नहीं मिल पाते थे ॥  जैसे जैसे समय बीतता गया और शहरों में भी ज्यादा सुख सुविधाएं मिलने लगी तो लोग अपने परिवार को भी शहर में ले जाने लगे। अपने बच्चों को शहरों के स्कूल में भेजने लगे। और शहरों का जीवन सबको अच्छा लगने लगा। और जो लोग गांव में होते थे उनको भी लगने लगा कि हम लोग क्यों शहर में नहीं रह सकते हैं। वह अपने आप को कोसने लगे कि हम क्यों नहीं शहर जा पा रहे हैं। शहरों में रोजगार के बहुत साधन है। शायद यही कारण है कि लोग शहर में रहना ज्यादा चाहते हैं ॥ शहर में चाहे कितनी भी समस्या हो, लेकिन  रहना शहर में ही चाहते हैं।  शहरों में बहुत प्रदूषण है। शोर-शराबा इतना ज्यादा है। बिजली पानी की बहुत समस्या है। छोटे-छोटे घरों में रहना पड़ता है। इतनी सारी समस्याओं के बाद भी लोगों को शहर में रहना पता नहीं  क्यों पसंद  हैं?

शहरों में लोगों को बहुत रोजगार है॥ शहर कभी उदास नहीं होते, वहां हमेशा रौनक लगी रहती है ॥ रात में भी दिन का एहसास होता है। कहने का मतलब है कि जीवन रूकता नहीं है शहरों में। शहरों में लोग लड़ाई झगड़े से दूर कोई किसी को नहीं जानता कोई किसी को नहीं पहचानता। कुछ लोगों को यही अच्छा लगता है कि कोई उन्हें ना जाने किसी से ज्यादा बात नहीं करना और दूसरी ओर गांव में लोग एक दूसरे को जानते हैं एक दूसरे को पहचानते हैं सब मिल जुल कर रहते हैं। लोग गांव में घूमना बहुत पसंद करते हैं लेकिन घर शहर में ही बसाना चाहते हैं। लोगों को पहाड़ बहुत पसंद आते हैं । लेकिन रहेंगे वह शहर में क्योंकि पहाड़ों में वह सुख सुविधाएं नहीं है जो शहरों में है ।  गांव में अस्पताल है लेकिन इतने अच्छे डॉक्टर नहीं है वहां पर॥  परंतु आने वाले समय में गांव भी शहरों की तरह हो जाएंगे ॥ गांव में भी भीड़  बहुत हो जाएगी। धीरे-धीरे गांव भी तरक्की की ओर बढ़ रहे हैं॥ आने वाले समय में गांव भी शहरों की तरह  हो जाएंगे , शायद फिर लोगों को गांव छोड़कर शहर जाना ना पड़े ॥
॥ धन्यवाद॥

Leave a Reply